bina galti ki saza shayari in hindi | ज़िंदगी के सफर में कभी-कभी बिना किसी गलती के भी हमें किसी सज़ा की तरह महसूस होता है। ये सज़ा हो सकती है किसी अप्रत्याशित घटना की, किसी गलतफहमी की, या फिर किसी अपने की बेवफाई की। ऐसी परिस्थितियों में हम टूट जाते हैं, हार मान लेते हैं और खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं। लेकिन, हमें यह याद रखना चाहिए कि जिंदगी एक सफर है और हर सफर में कुछ न कुछ उतार-चढ़ाव आते हैं। बिना किसी गलती के भी हमें कभी-कभी सज़ा मिल सकती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हम खुद को इस सज़ा में ढकेल दें। हमें खुद को संभालना चाहिए, अपनी ताकत को पहचानना चाहिए और आगे बढ़ने का रास्ता तलाश करना चाहिए।
bina galti ki saza shayari in hindi
तुम्हें सजा दी बिना गुनाह के,
मेरी राहों में रुकावट बन गई है।
दिल की गहराइयों से कहता हूँ,
बिना गलती के हुई सजा, ये कैसा हुक्म है।
मोहब्बत की राह में जुर्म,
बिना गलती के मिली सजा, ये रिवाज है।
उलझा हूँ मैं इस सजा के बिना,
कैसे खामोशी से बर्ताव करूँ।
दिल की दहलीज़़ में हुआ इन्तिज़ार,
बिना गलती के मिली सजा, ये इन्तेज़ाम है।
इश्क की राहों में है राज,
बिना गलती के हुई सजा, ये इन्तेज़ार है।
हमने कुछ कहा नहीं, पर सजा मिली,
बिना गलती के कैसे करें हम तुमसे इतवार।
दर्द भरी रातों में छुपी है सजा,
बिना गलती के बदली जा रही है राहें।
हमारी बे-गलती पर मिली ये सजा,
बिना गलती के हुआ है ये अन्याय।
रात की गहराईयों में है बेइंतहा दर्द,
बिना गलती के सजा, ये कैसा इन्तेज़ाम है।
हमने तो सिर्फ मोहब्बत की राहों में बढ़ाया कदम,
फिर कैसे हुई इस सजा का हम पर ये हुक्म।
इश्क में हुई ज़िन्दगी बेहद हसीं थी,
बिना गलती के हुई सजा, ये कैसा इरादा है।
रात की गहराइयों में बसी है ये गुनाह,
बिना गलती के सजा, ये कैसा हुक्म है।
दिल की दहलीज़़ पे हुआ इंतेज़ार,
बिना गलती के हुई सजा, ये कैसा प्यार है।
इश्क में हुए हैं हम बेहद नादान,
बिना गलती के हुई सजा, ये कैसी कहानी है।
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Bina galti ki saza shayari in hindi text
बिना ग़लती की सजा, ये कैसा हुकूमत है,
मोहब्बत की राहों में, जुर्म का इलाज़ है।
इश्क में हुआ जुर्म, बिना किए कोई गलती,
सजा मिली बिना वजह, खुदा को ये खता है।
दिल टूटा है बिना किसी ग़लती के,
सजा मिली है इश्क की राहों में ही।
जिन्दगी की सजा में, इश्क ने ही बनाई,
बिना ग़लती के ही, दिल को रुलाई।
ग़लती किए बिना ही, मोहब्बत की सजा,
इश्क की दुनिया में, हर दर्द का इलाज़ है।
बिना किए ग़लती, मोहब्बत की है सजा,
दिल को छू लेने वाली, इश्क की कहानियाँ हैं।
रातें लम्बी हैं बिना किसी ग़लती के,
इश्क में सजा, जिन्दगी भर की है।
इश्क की मिठास में, बिना ग़लती के ही,
दिल को चोट पहुंची, सजा मिली हमें भी।
Bina galti ki saza shayari in hindi english
In the book of life, a chapter of error,
Penalty in verses, pain in every word.
Mistakes etched in the lines of fate,
Shayari weaves remorse’s intricate gate.
In the garden of choices, a thorn of regret,
Each verse a reminder, a poetic debt.
A melody of remorse, a poetic song,
Punishment served in stanzas long.
In the tapestry of time, a thread gone awry,
Rhymes of repentance, beneath the sky.
A dance with wrong, a poetic trance,
Verses of consequence, a rhythmic chance.
Echoes of error in the poet’s quill,
Each line a punishment, a bitter pill.
A canvas of guilt painted in rhyme,
Poetry of atonement, a timeless climb.
Letters of apology written in ink,
In the poetry of punishment, we sink.
Conlusion
बिना गलती की सज़ा एक ऐसी सज़ा है जो बहुत ही कष्टदायक होती है। यह उस व्यक्ति के लिए बहुत ही दुखद होती है जिसे बिना किसी गलती के सज़ा दी जाती है। बिना गलती की सज़ा शायरी में इस दर्द और दुख को बखूबी दर्शाया गया है। इन शायरी में हम देखते हैं कि कैसे एक बेगुनाह व्यक्ति को सज़ा दी जाती है और वह कैसे इस सज़ा को सहन करता है।
बिना गलती की सज़ा शायरी हमें इस बात का एहसास कराती है कि हमें दूसरों के साथ न्याय करना चाहिए। हमें किसी भी बेगुनाह व्यक्ति को सज़ा नहीं देनी चाहिए। हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि सज़ा सिर्फ़ दोषी व्यक्ति को ही दी जानी चाहिए।
बिना गलती की सज़ा शायरी हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। यह संदेश है कि हमें हमेशा न्याय करना चाहिए और किसी भी बेगुनाह व्यक्ति को सज़ा नहीं देनी चाहिए।