In this post we will deep dive in the memories of my beloved person. aaj hum hai kal hamari yaadein hongi shayari. i hope you will enjoy it and share it.
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aaj hum hai kal hamari yaadein hongi shayari
समेट कर रखा है खुद को तेरी खातिर…
बस एक बार बिखरना है तेरे गले लग कर..!
ख़ुशी जैसी होती है वही रोता है,
उमर भर साथ निभा ना सके जो,
जाने क्यों प्यार उसी से होता है।
sehmi nigaahon mein khwaab hum jagaa denge
सूनी-सूनी राहों में फूल हम खिला देंगे,
आप हमारे साथ मुस्कुरा कर तो देखो..
हम सारे गम भुला देंगे.
दर्द-ए-दिल की इंतेहा मालूम है,
मुझे मुस्कुराने की दुआ ना दो यारो,
मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है।
आंसू झलके सुबह ओस चाय,
लगता है दिल किसी का दिल से जुदा हो गया,
फिर मोहब्बत में किसी ने चोट खाई।
हर मोड पर एक नया ज़ख्म देते हैं,
ऐ दोस्त इस जहाँ में कोई अपना नहीं,
जब आग लगती है तो पत्ते भी हवा देते हैं।
har manzil ko mushkil na samajho
हम हर मुश्किल को मंजिल समझते हैं।
बड़ा फ़र्क है लोग और हमारे नज़र में,
लोग दिल को दर्द करते हैं और हम दर्द को दिल समझते हैं..
हमारी हमारी-से पहचान होती,
भर देते आपका दामन खुशियों से..
फिर चाहे उसकी कीमत हमारी जान हो।
कौन जाने कि हम किधर जायेंगे,
हम तो एक परछाई हैं, याद रखना दोस्त जहां तन्हाई मिली
वाहा हम नज़र आएंगे..
चलो हमें दुश्मन ही बना लो
हमसे दुश्मनी ही निभा लो..
इक शख्स.. कुछ लम्हे.. कई यादें बतौर इनाम मिले
इक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले।
इश्क़ हुआ था तुमसे और
शिकवे हो गए खुद से,
अब तो रखा ही क्या हैं
इस इश्क़ में सिवाए तेरी बातों के
मेरी जिंदगी में आने वालों से कभी सवाल किया नहीं ।
और जिंदगी से जाने वालो से कभी जवाब मांगा नहीं
पढ़ तो ली तुमने इश्क़ की किताब,
पर अब इश्क़ करना भी सिख लो,
जब सुनाया मैंने दर्द मेरा उन्हें,
तो कहा, दो चार और लिखलो ।
इस सफ़र में, फ़र्क था भी सही तो
सिर्फ उमर का ही था
उसे खिड़की से सड़क देखनी थी और
मुझे मज़ा लेना था सफ़र का
इस सफ़र में, फ़र्क था भी सही तो
सिर्फ उमर का ही था,
उसे खिड़की से सड़क देखनी थी और
मुझे मज़ा लेना था सफ़र का
पसंद तो तुझे भी कोई और ही था
पर ना जाने तूने मुझे क्यू चुना बरबाद करने को
आज फिर उसने दबी सी आवाज में मेरा नाम लिया,
थोड़ा गुस्सा, थोड़ा प्यार और थोड़ा इंतकाम लिया ।
फिर खुद से खुद की ही पहचान खो बैठे,
जब वफादारी की उम्मीद तुझसे कर बैठे
Conclusion
In the symphony of life, today marks our presence, but tomorrow will echo our memories. The poetic verses of “Aaj hum hai, kal hamari yaadein hongi” encapsulate the transient nature of existence and the indelible imprints left by our experiences. Just as the sun sets today, casting shadows on the canvas of time, our moments too become a part of the vast tapestry of memories. Through the lens of ” Shadi Sad Shayari” and “Zindagi Sad Shayari ,”