sad shayari in haryanvi | दुखद शायरी एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति है जो दुख और ग़म की गहराई को दर्शाती है। हरियाणवी संस्कृति में, दुखद शायरी मानवीय भावनाओं की जटिलताओं को व्यक्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। ये भावपूर्ण छंद अक्सर प्यार, हानि, विश्वासघात और अधूरे सपनों के विषयों पर विचार करते हैं। हरियाणवी दुखद शायरी में कच्ची भावनाएं और मार्मिक चित्रण दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित होते हैं, उनके दिलों और दिमाग पर स्थायी प्रभाव डालते हैं।
sad shayari in haryanvi
मै भी ना रोता तेरे खातर
ज तेरी ज़िन्दगी में और कौए ना होता।
या दुनिया भी उसे नै रुआया करे
जिस धोरे आँशु पुछण आला कौए ना होंदा।
कुकर बताऊ अपना दर्द नै
सूनन आले तो भोत सै पर महसूस करण आले कति कोनी।
वे लोग भी छोड़ के चले जायां करे
जो कदे न्यू कहा करे थे के मै तने कदे छोड़ कै ना जायूँ।
sad shayari in haryanvi for boy
रै बहोत भीड़ थी तेरे दिल मै
हाम खुद नहीं लिकड़ते तो धक्के दे कै काढे जाते
आजकल लोगां की बाते मैसेज त कम
स्क्रीनशॉट त घनी चाला करै
पड़ते होड़ आँसू कोण देखे स
लोग तो बावले है इस जूठी मुस्कान कै
लोग कहवे मरके गेल कुछ नी जाता
लागे मेरे गेल तो धोखा जावेगा
जुल्म तो न्यू करे स जुकर
तेरा तै कोय खुदा ए नी
sad shayari in haryanvi for girl
कितनी ए भुंडी ढाल प्यार करल्यो
लेकिन छोड़न आले तो छोड़ कै चले ए जावे सै
मै भी ना रोता तेरे खातर
ज तेरी ज़िन्दगी में और कौए ना होता
तेरी मोहब्बत तै तो तेरी याद बढ़िया सै
रूआंवे तो सै पर सारी हान गेल तो रहवै सै
मेरी तकदीर मे नही लिखा शायद उसका प्यार
फिर हर मोड़ पर मुझे उसी का इंतज़ार क्यूँ है
sad shayari in haryanvi
दिल टूटा, रूह बेहाल, हरियाणवी में कहूँ बात दिल की,
रोएगी रातें, सुन कर इस शायरी को, दर्द भरी हर बात दिल की।
चेहरे पे हंसी छुपाकर, रोता हूँ रात भर अकेला,
हरियाणवी शायरी में कहीं, छूपा हूँ दर्द अपना ज़ख्मी सेला।
दर्द भरी बातें हरियाणवी में, बोल दी हैं ये आँसू रोकर,
दिल की गहराईयों से, निकली हैं ये शायरी की बूँदें गहरी।
अल्फाजों की गहराईयों में, छुपा है दिल का दर्द बहुत,
हरियाणवी में लिखी गई शायरी, है मेरे दिल की कहानी सारी।
आँसू बहे दिल से, बोला हरियाणवी दिल की गहराई से,
खोया हूँ ख्वाबों में, रातों में हूँ मैं हकीकत से दूर हैं यारी से।
रातें लम्बी, तन्हाई बढ़ी, हरियाणवी में कहूँ बात अपनी,
दिल में बसी ये शायरी, है मेरी जिंदगी की खोज में।
दर्द की राहों में, हरियाणवी बोलेगा ये दिल अपनी कहानी,
सोचता हूँ रातें, सोने से पहले, बहुत है ये दिल उदास मायने।
छूपा हूँ अपनी मुस्कान को, हरियाणवी शायरी में बहुत,
रोता हूँ रातें, हंसता हूँ दिन भर, खुद से बस ये कह दूँ मैं।
बीती रातों में, छूपा हूँ अपना दर्द हरियाणवी में,
रोता हूँ अकेला, बिना तेरे, हर रात को सौ बार मैं।
बिछाई है तन्हाई ने, हरियाणवी में कहूँ अपनी कहानी,
बहुत है इस दिल की गहराई, रोता हूँ रातें, चुपचाप से।
दिल की गहराईयों में छुपा, हरियाणवी शायरी से कहता हूँ,
रातें बीतती हैं, बहुत हैं ये दर्द, खोजता हूँ मैं अपनी जगह।
दर्द भरी बातें लिखी हैं, हरियाणवी में मेरी शायरी, रोता हूँ रातें,
हंसता हूँ दिन भर, बहुत है ये दिल की कहानी।
बहुत है ये दर्द की कहानी, हरियाणवी में छुपा हूँ अपनी,
रातों को जागता हूँ, खोजता हूँ तुझे, बीती ये रातें सुनी सी।