dard bhari bewafa shayari gujarati 2024 | दर्द भरी बेवफ़ा शायरी गुजराती
dard bhari bewafa shayari gujarati | मोहब्बत में बेवफाई की टीस कहीं भी नहीं मिटती, यह ऐसा जख्म है जो दिल में हमेशा रहता है। बेवफाई का दर्द इतना गहरा होता है कि यह कविताओं और शायरी में भी उतर आता है। गुजराती भाषा में दर्द भरी बेवफा शायरी की एक समृद्ध परंपरा है, जो इस पीड़ा को शब्दों में व्यक्त करती है।
dard bhari bewafa shayari gujarati
दिल टूटा, इश्क़ में बेवफा निकली,रातें लम्बी, ख्वाबों में रूला दिया।
दर्द भरी रातों में छुपा है ग़म का सिलसिला,बेवफा दिल ने खेला, प्यार का खेल बिगाड़ा।
इश्क़ का दर्द, बेवफा की कहानी,आँसू बोने हैं रातें लम्बी सुनाने के लिए।
चाँदनी रातें बेहद रोमांटिक थीं,पर दिल टूटा, सिर्फ ख्वाबों का ही साथ था।
बेवफा तेरी मुस्कान ने दिल को चुराया,प्यार की राहों में, मोहब्बत को बर्बाद कर दिया।
रात की गहराईयों में छुपा है दर्द,बेवफा की बातें, दिल को बहुत रुलाया।
इश्क़ की मिठास में छुपा है कड़वा दर्द,बेवफा की मुस्कान ने सब कुछ ही बर्बाद कर दिया।
दिल को बहुत था इंतज़ार तेरा,पर बेवफा ने छोड़ा, ख्वाबों की बस यादें रह गईं।
रात के साए में छुपा है दिल का दर्द,बेवफा की चाँदनी, रातें बना दी हैं सवारी।
इश्क़ का सफर, बेवफा के साथ था,दर्द भरी रातें, दिल को रुलाकर रह गईं।
bewafa attitude shayari gujarati
बेवफा का दिल, बेहद है अजीब,अब तक़दीर में छुपा है उसका जहर।
दिल टूटा है, मगर इश्क़ का ख्वाब,वो बेवफा था, बस यूँही दिल बेहलाने के लिए।
तेरी मुस्कान में छुपा था जीने का बहाना,पर बेवफा ने कह दिया, “तू मेरे लिए बस किसी ख्वाब का हिस्सा।”
दिल को बहुत कुछ समझा था मैंने,
पर बेवफा ने सिखा दिया, दिल का बोझ कभी नहीं उठता।
उसकी बेवफाई में छुपा था एक क़िस्सा,इश्क़ की तलाश में मैंने खो दी खुद को।
बेवफा की बातों में छुपा था एक राज,इश्क़ की मिठास, और उसकी बेवफाई का ताज।
दिल को लगा, वो सिर्फ ख्वाब था,बेवफा की आँखों में छुपा था खुदा।
इश्क़ में बेवफा का अलम है ये,दिल को बहुत कुछ सिखा देता है, मगर कभी नहीं बताता।
दिल की दहलीज़़ों में बेवफा की चादर,इश्क़ में उसने बदल दी मेरी तक़दीर।
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દુનિયામાં સૌને પ્રેમ કરવા જન્મ લીધો હતોખોટુ ન લગાડતા એમા તમે જરાક વધારે ગમી ગયા
પરંતુ તમને અમે ન ગમ્યા દુઃખ એ વાત નું નથી કે તને મારી કદર નથી
દુઃખ એ વાત નું છેકે જેને તારી કદર નથી, તેની તારે જરૂર છે તમારી કિંમત એટલીજ રાખો સાહેબ
જેટલી સામે વાળો માણસ ચુકવી શકે
જો મોઘા થઈ ગયા તો એકલા પડી જશો કોઈની પણ સાથે પ્રેમમાં ન પડો અથવા
પ્રેમની અભિવ્યક્ત ન કરો ચાર દિવસના
સુખ કરતા આખા જીવનની એકલતા વધારે
ઈચ્છવા યોગ્ય